पवन
गतिशील वायु को पवन के नाम से जाना जाता है वायुमंडल में तापमान में अंतर के कारण वायुदाव में अंतर पाया जाता है इस अंतर के कारण कही पे वायुदाव अधिक तथा कही पे काम होता है उच्च वायुदाव से निम्न वायुदाब की ओर पवन की उत्पत्ति होती है
Types of wind
स्थाई पवन वह पवन होती हैं जोकि किसी दो स्थान के मध्य लगातार
सालोभर एक ही दिशा में बहती है ये तीन प्रकार की होती है 1 व्यापारिक
पवन 2 पछुआ पवन 3 ध्रुवीय पवन
व्यापारिक पवन :- व्यापारिक पवन वह पवन होती है जो की उपोष्ण
कटिबंधीय उच्च वायुदाव से उत्पन होती है तथा विश्व्त रेखीय निम्न
वायुदाव की ओर चलती है व्यापारिक पवने 0 से 30 के मध्य दोनों
चलती है ये एक गर्म पवन है इससे महादीप के पूर्वी भाग में वर्षा होती है
पश्चिमी भाग शुष्क रहता है इस पवन को पूर्वी पवन तथा सन्मार्गी पवन के नाम से
जाना जाता है
2 पछुआ पवन:-
पछुआ
पवन की उत्पत्ति उपोष्ण कटिबंधीय निम्न वायुदाव
से होती है और सीतोष्ण कटिबंध निम्न दाव की ओर चलती है ये पवने पश्चिम से पूर्व की
ओर चलती है उत्तरी गोलार्द्ध में पवन की गति कम होती है तथा दछनि गोलार्द्ध में अधिक
होती है 40deg गरजती चालीसा 50deg चिखतिपच्चासा
60deg बहादुरसठा ये पवन महादीप के पश्चिमी भाग में अधिक वर्षा करती है पूर्वी भाग शुष्क बना
रहता है
3 ध्रुवीय पवन:- इस पवन की उत्पत्ति ध्रुवीय
क्षैत्र से होती है और सीतोष्ण कटिबंध कीओर जाती है ये पवन पूर्व से पश्चिम की और चलती
है इसकी गति काफी तीव्र होती है इनको कोई रूकावट नहीं मिलती है