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30 April 2020

Atmospheric pressure and wind (वायु दाब एवं पवने)

वायुदाब:- पृथ्वी के चारों ओर वायु का विस्तृत आवरण पाया जाता है एवं वायु द्वारा पृथ्वी के ऊपर दबाव डाला जाता है इसी दबाव को वायुदाब या वायुमंडलीय दाब के नाम से जानते हैं समुद्र की सतह के पास पृथ्वी का औसत वायुदाब 1014 मिली बार होता है पृथ्वी पर अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग वायुदाब पाया जाता है  इसका सबसे बड़ा कारण पृथ्वी की स्थिति है पृथ्वी की स्थिति के कारण कहीं पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती है तथा कहीं पर त्रिची जिस कारण से तापमान में अंतर देखने को मिलता है यही अंतर वायुदाब में भी अंतर को उत्पन्न करता है सामान्य रूप से वायुदाब दो प्रकार के होते हैं उच्च वायुदाब एवं निम्न वायुदाब
  उच्च वायुदाब:- जब किसी क्षेत्र में वायु का दबाव या भार आसपास के क्षेत्र की तुलना में अधिक होता है तो उसे उच्च वायुदाब कहते हैं उच्च वायुदाब का निर्माण सामान्य रूप से कम तापमान वाला क्षेत्र में होता है जहां पर हवा सघन होती है इस कारण से हवा भारी हो जाती है एवं हवा का दबाव अधिक पाया जाता है उच्च वायुदाब की स्थिति में मौसम स्थिर बना हुआ रहता है आकाश सफा रहता है हवाएं महसूस नहीं होती है एवं मौसम में स्थिरता पाई जाती है
 निम्न वायुदाब:- जब किसी क्षेत्र में आसपास के क्षेत्र की तुलना में हवा का दबाव कम पाया जाता है तो उसे निम्न वायुदाब कहते हैं साधारण रूप से निम्न वायुदाब का निर्माण गरम तापमान वाले क्षेत्रों में होता है यहां पर तापमान अधिक होने के कारण हवाएं गर्म हो जाती है हल्की हो जाती है एवं हल्की होकर ऊपर की ओर उड़ती है जिससे उस स्थान पर एक खाली स्थान का निर्माण होता है इसी खाली  स्थान में हवा का दबाव कम हो जाता है जिससे कि निम्न वायुदाब का निर्माण होता है जिस किसी क्षेत्र में निम्न वायुदाब की स्थिति पाई जाती है वहां पर मौसम में लगातार परिवर्तन देखने को मिलते हैं आकाश में बादल छाए हुए रहते हैं आद्रता अधिक होती है
 पवन:- गतिशील वायु को पवन के नाम से जाना जाता है पवन की उत्पत्ति वायुदाब में अंतर के कारण होती है सामान्य रूप से पवन सामान्य रूप से उच्च वायुदाब से निम्न वायुदाब की ओर चलती है वायुदाब में अंतर जितना अधिक होता है हवाओं की गति भी उतनी ही अधिक तीव्र होती है यदि अंतर कब होगा तो हवाओं की गति भी कम होगी

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