किसी भी क्षेत्र में मौसम संबंधी गतिविधियों को समझने में वाताग्र की भूमिका महत्वपूर्ण होती है इससे हमें चक्रवात तथा प्रतिचक्रवात जैसी स्थितियों का अनुमान लग सकता है वाताग्र दो प्रकार के होते हैं एक नंबर उष्ण वाताग्र तथा दूसरा शीत वाताग्र
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