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15 April 2021

Weber theory of Industrial location /Least cost theory of Weber

 उद्योगों के स्थानीयकरण के संबंध में सबसे प्रसिद्ध सिद्धांत अर्थशास्त्री Weber द्वारा 1909 अपनी पुस्तक Uberden Standortder Industries दिया गया था उनकी पुस्तक का प्रकाशन 1909 में हुआ था इसमें उन्होंने उद्योग के स्थानीयकरण के संबंध में अपने विचार जर्मन भाषा में बताया था लेकिन जर्मन भाषा में होने के कारण संपूर्ण विश्व का ध्यान इस ओर नहीं गया लेकिन 1929 में उन्होंने अंग्रेजी भाषा में अनुवाद करके उद्योग के स्थानीकरण के संबंध में अपना सिद्धांत अपनी पुस्तक Theory of location of industries मैं दिया था उनका बहुत हद तक huvar के विचार से मेल खाता था इस इसमें उन्होंने वेपर द्वारा दिए गए तर्कों को स्वीकार करते हुए अपना सिद्धांत दिया था सिद्धांत कि उन्होंने कुछ मान्यताएं बताई थी जोकि निम्नलिखित है:-

सम क्षेत्र :- वेबर के अनुसार उद्योग की स्थापना ऐसी क्षेत्र में की जानी चाहिए जो समतल धरातल वाला एक समान जलवायु वाला और प्रशासनिक इकाई वाला क्षेत्र हो

इकाई के रूप:- में जिस वस्तु का उच्चारण करना चाहिए ही उत्पादित किया जाना चाहिए अर्थात एक समय में एक वस्तु के उत्पादन पर ही जोड़ देना चाहिए

कच्ची सामग्री:- जहां पर विकास किया जाए वहां पर कच्चे माल से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध होनी चाहिए कच्चा माल क्षेत्र में उपलब्ध होनी चाहिए

बाजार:- जहां तक उद्योग का विकास हो वहां के बाजार के बारे में उद्योगपति को पूर्ण जानकारी होनी चाहिए

श्रमिक:- उद्योगों के आसपास के क्षेत्र में सस्ती और कुशल श्रमिक उपलब्ध होने चाहिए

परिवहन लागत:- आसपास के क्षेत्र में परिवहन की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए और परिवहन लागत दूरी और वजन के अनुपात में बढ़ना चाहिए

सिद्धांत की व्याख्या:-

Weber theory of industrial location
Weber theory of industrial location

इन मान्यताओं के आधार पर वेबर ने उद्योगों के स्थानीयकरण के संबंध में एक त्रिभुज का निर्माण किया है और इस सिद्धांत को समझाने का प्रयास किया है इस त्रिभुज में उन्होंने कच्चे माल के दो चित्र बताएं हैं a और b जबकि तीसरा क्षेत्र c है जोकि एक अन्य महत्वपूर्ण तत्व बाजार है वेबर का मानना है कि उद्योगों का विकास एक ऐसे क्षेत्र में होना चाहिए जहां पर परिवहन लागत सबसे कम लगे इस कारण से उन्होंने ए बी और सी तीनों से समान दूरी वाले क्षेत्र p को उद्योगों के विकास के लिए आदर्श माना है जहां पर परिवहन लागत न्यूनतम होगा
वेबर द्वारा परिवहन लागत के बारे में बताने के लिए की ए बी और सी में परिवहन लागत क्या होगा इसको समझाने के लिए उन्होंने आई सोडा पेन का निर्माण किया जिसके सहायता से हुए तीनों स्थलों के बीच परिवहन लागत तथा परिवहन के साधनों को बताया है
Weber theory of Industrial location
isodapane


सामान परिवहन लागत वाले स्थानों को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा को आई सोडा पेन के नाम से जाना जाता है
इसके अलावा वेबर द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि पहले से स्थापित जो उद्योग है उनकी स्थापना न्यूनतम परिवहन लागत वाले बिंदु के अलावा श्रम की उपलब्धता वाले क्षेत्र में भी हो सकती है
अर्थात यह आवश्यक नहीं है कि जहां पर न्यूनतम परिवहन लागत हो वहीं पर उद्योग का विकास किया जाए बल्कि श्रम को ध्यान में रखते हुए उसके आसपास के क्षेत्र में उद्योगों का विकास किया जा सकता है
वेबर के सिद्धांत की आलोचना:-
1) वेबर ने अपने सिद्धांत में कच्ची सामग्रियों पर जोड़ दिया है और बाजार पर पर कच्ची सामग्री कृषि से संबंधित भी हो सकती है जिसका क्षेत्र काफी विस्तृत होता है एवं बाजार भी जिस पर वेबर ने ध्यान नहीं दिया है
2) वेबर ने परिवहन लागत पर तो ध्यान दिया है लेकिन उसका सही मूल्यांकन नहीं किया है
3) वेबर के अनुसार परिवहन लागत वस्तु के भार और दूरी के अनुपात में बढ़ता है बल्कि इसके अलावा परिवहन का वास्तविक खर्च भी दूरी के अनुपात में बढ़ता और घटता रहता है इसको इन्होंने नहीं बताया है


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