NEW

11 April 2019

DIFFERENCE BETWEEN TOPOGRAPHICAL MAP AND satellite



स्थलाकृतिक मानचित्र :



किसी स्थान की विसेसता कि जानकरी के आधार पर वृहत
 मापनी में मानचित्र तैयार करने की विधि को स्थलाकृतिक
मानचित्र कहते है इसमें वहाँ की सभी प्राकृतिक विशेसता को
दिखाया जाता है इसे भूगोलवेत्ता के उपकरण की संज्ञा दी गई है
इसका निर्माण जियोलाजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा किया जाता है इसका मुख्यालय देहरादून में है
इसका निर्माण मापनी के आधार पर किया जाता है मापनी दो प्रकार के होते है वृहत मापनी और लघु मापनी |वृहत मापनी में ही स्थलाकृतिक मानचित्र कि निर्माण किया जाता है
उपग्रह प्रतिबिम्ब
स्थलाकृतिक मानचित्र :
इसमें चित्र की सहायता से जानकारी प्राप्त की जाती है
इसमें रूढ़ चिन्ह कि प्रयोग नहीं  होता है
ये दो आयामी होता है
ये लघु मापनी में बना होता है


इसमें कैमरों कि उपयोग किया जाता है

इसमें छोटी और बड़ी विशेसता को दिखाया जाता है
इसमें सही समय पर जानकारी प्राप्त की जाती है
स्थलाकृतिक मानचित्र में प्राकृतिक विशेस्ताओ को दिखाया जाता है
इसमें रूढ़ चिन्ह कि उपयोग होता है
ये त्रि आयामी भी  हो सकते है 
इसमें मानचित्र केवल वृहत मापनी पर बनता है
इसका  निर्माण हाथो और सर्वेछण के आधार पर होता है
इसमें केवल छोटी विशेसता को दिखाया जाता है
इसमें सही समय पर जानकारी नहीं मिलती

Popular Posts

Contact Us