Geography as science:-
विज्ञान की जननी के तौर पर जाना जाता है अत्यंत गतिशील विषय है जिस में लगातार बदलाव एवं परिवर्तन होते रहते हैं इस कारण से इसे गतिशील विज्ञान के तौर पर भी जाना जाता है भूगोल में जो भी तथ्य होते हैं तथ्यों को विज्ञान के विषयों की तरह ही आंकड़ों की सहायता से सत्यापित किया जा सकता है इस कारण से बार-बार लगातार एक ही ही परिणाम देखने को मिलते हैं भूगोल जलवायु भौतिक विभाग तथा पृथ्वी तल की अन्य विशेषताओं में लगातार परिवर्तन पाए जाते हैं उदाहरण के तौर पर घने जंगल देखने को मिलते हैं वहां पर बर्फ के निशान पाए जाते हैं जबकि आज जहां बर्फ के निशान देखने को मिल रहे हैं वहां पर घने जंगल प्राचीन काल में पाए जाते थे जिससे स्पष्ट होता है कि पृथ्वी तल पर लगातार परिवर्तन एवं बदलाव देखने को मिलते हैं और इन बदलावों का अध्ययन करने वाला एकमात्र शास्त्र भूगोल ही है
इसे वैज्ञानिकता उपलब्ध कराने में सूचना तंत्र स्थैतिक तंत्र आंकड़ों सुदूर संवेदन जैसे आधुनिक चीजों की भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गई है आज सेटेलाइट में भूगोल को पूर्ण रूप से अत्याधुनिक विज्ञान के रूप में परिवर्तित कर दिया है जिससे आसानी से 2D और 3D की सहायता से ऊंचाई गहराई घनत्व सभी चीजों के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त हो जाती है
यही कारण है कि बहुत सारे विश्वविद्यालयों में भूगोल को विज्ञान के रूप में पढ़ाया जाता है कोलकाता विश्वविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी मद्रास विश्वविद्यालय मुंबई विश्वविद्यालय ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालयों में विज्ञान के रूप में जाना जाता है