नदी के कार्य और प्रमुख स्थलरूप
यह चार्ट नदी द्वारा अपरदन, परिवहन और निक्षेपण की प्रक्रियाओं और उनसे निर्मित प्रमुख स्थलरूपों पर केंद्रित है।
प्रक्रिया / स्थलरूप | नदी की अवस्था | विवरण | |
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अपरदन प्रक्रिया | जलगति क्रिया (Hydraulic Action) | नदी के वेग के धक्के द्वारा तली एवं किनारों की चट्टानों को तोड़ना। | |
परिवहन शक्ति | वेग की छठी घात का नियम (2X6) | नदी का वेग दोगुना होने पर परिवहन शक्ति 64 गुना बढ़ जाती है। | |
V-आकार की घाटी | पर्वतीय/युवा भाग | तेज गति के कारण नदी द्वारा अपनी तली को काटकर निर्मित गहरी, सँकरी घाटी। | |
गॉर्ज और कैनियन | पर्वतीय/युवा भाग | अत्यंत गहरी घाटी; कैनियन का ढाल I अक्षर के समान खड़ा होता है (उदा: ग्रैंड कैनियन)। | |
गोखुर/चाप झील (Ox-bow Lake) | मैदानी/परिपक्व भाग | विसर्पण (Meander) का सिरा कटकर सीधा हो जाने पर बनी झील। | |
प्राकृतिक तटबंध (Natural Levees) | मैदानी/परिपक्व भाग | बाढ़ के समय नदी के किनारों पर बारीक रेत जमा होने से बने ऊँचे तटबंध। | |
डेल्टा (Delta) | डेल्टाई/वृद्धावस्था | नदी द्वारा समुद्र या झील में प्रवेश से पूर्व अवसाद जमा करने पर निर्मित त्रिकोणीय मैदान। | |
ज्वारनदमुख (Estuary) | डेल्टाई/वृद्धावस्था | वह नदी मुहाना जो समुद्र तल में डूबा हुआ होता है (अवसाद जमा नहीं होता)। |